Explain logical design of iot in Hindi

Logical Design of IoT

IoT का लॉजिकल design, IoT में होने वाली entity और process को abbreviations में प्रस्तुत करता है। इसमें implementation को specify किये बिना entity एवं process को represent किया जाता है।

Logical Design of IOT in hindi


इसमें निम्नलिखित 3 चीजें आती हैं:-

  • IoT Functional Blocks
  • IoT Communication Models
  • IoT Communication APIs

IoT Functional Blocks in Hindi

एक IoT system में बहुत सारें कार्यात्मक ब्लॉक होते है जो कि सिस्टम को पहचानना, sensing, actuation, communication और management की क्षमता प्रदान करते हैं। इसका चित्र नीचे दिया गया है।

IoT functional blocks निम्नलिखित होते हैं:-

  1. Device (डिवाइस) – इस ब्लॉक में ऐसी डिवाइस आती है जिनमें एक sensor होता है या उसमें एक sensor connected रहता है। ये डिवाइस sensing, actuation, monitor और control के कार्य को complete करते हैं।
  2. Services (सेवाएं) – इस ब्लॉक में डिवाइस को monitor करना, को डिवाइस control करना, डिवाइस को discover करना, और data publishing की services आती है।
  3. Management (मैनेजमेंट) – यह block बहुत सारें functions, provide करता है, जिनके द्वारा IoT system का प्रबंधन किया जाता है।
  4. Security (सुरक्षा) – यह ब्लॉक IoT system को Security provide करता है। यह authentication, authorization, और integrity के functions प्रदान करता है, जिससे system Secure रहता है।
  5. Application (एप्लीकेशन) – यह एक इंटरफेस होता है जिसके द्वारा users IoT system के बहुत सारें phases को control और मॉनिटर करता है।

IoT Communication Models

अगर communication model प्रभावी (effective) होता है तो वह users के लिए भी useful होता है और इससे business में भी growth होती है। IoT में 4 मुख्य communication models होते हैं जो कि नीचे दिए गये हैं:-

  1. Request Response Model
  2. Publish Subscribe Model
  3. Push Pull Model
  4. Exclusive Pair Model

Request Response Model

Request-Response Model एक कम्युनिकेशन मॉडल होता है जिसमें एक client (क्लाइंट), server को एक request भेजता है, और server इस request का respond करता है। इस model को client-server model भी कहते हैं।

इसमें जब कभी भी server किसी request को receive करता है तो वह request के आधार पर डाटा को fetch और retrieve करता है तथा, उसके बाद प्रतिक्रिया को ग्राहक को send कर देता है।

उदाहरण :- जब भी client ब्राउज़र में किसी website को open करने की request करता है तो, server उस request के आधार पर उस website को open करता है और client को दिखाता है।

Publish Subscribe Model

यह एक प्रकार का communication मॉडल होता है जिसमें publisher, broker और consumer सम्मिलित रहते हैं। इसमें publishers डाटा को इकट्ठा करते हैं और इस data को publish करते हैं। Brokers के द्वारा इस data का प्रबंधन किया जाता है। इस data को उपभोक्ता के द्वारा subscribe किया जाता है।

जब भी brokers को publishers से कोई data मिलता है, तो वह इस data को subscribe किये हुए consumer को send कर देता है।

publish subscribe model का उपयोग MQTT, AMQP, XMPP इत्यादि protocols में किया जाता है।

Push Pull Model

इस communication model में, data producers के द्वारा डाटा को एक पंक्ति (row) में push किया जाता है। उसके बाद data एकत्र करनेवाले इस data को queue में से collect करते हैं।

push pull model में डाटा producers डाटा को queue में push करते है एवं कंज्यूमर्स इस डाटा को queue में से pull करते हैं।”

Queue एक buffer की तरह कार्य करता है जो कि उन परिस्थितियों में help करता है जब consumer और producer के rate में असमानता होती है।

Exclusive Pair Model

Exclusive pair एक bi-directional और fully duplex कम्युनिकेशन मॉडल होता है जो client और server के मध्य एक persistent connection का प्रयोग करता है।

यह एक full duplex model होता है जिसका अर्थ है कि इसमें client और server दोनों एक दूसरे को messages भेज सकते हैं।


IoT Communication APIs in Hindi

Generally, IoT communication के लिए 2 APIs का प्रयोग किया जाता है। जो कि अग्रलिखित हैं:-

  1. REST based Communication APIs
  2. WebSocket based Communication APIs

REST Based Communication APIs

REST का संपूर्ण नाम Representational State Transfer है। यह architectural principles का एक group होता है, जिसका प्रयोग web services और web APIs को manufacture करने के लिए किया जाता है।

REST जो है वह request-response कम्युनिकेशन मॉडल को follow करता है। इसके पास निम्नलिखित constraints होते हैं:-

  1. Client server – इसके पीछे separation of concerns का (principle) सिद्धांत होता है। इसके द्वारा model को डेवलप और update करना आसान हो जाता है। इसका अर्थ यह है कि client को server की जिम्मेदारियों की चिंता नहीं होती है, जैसे कि – data का storage और server को client की जिम्मेदारियों की चिंता नहीं होती है जैसे कि – user interface.
  2. Cache-able – caching जो है वह IoT को और अधिक scalable एवं efficient बना देती है। cache का use करके data को दुबारा से use किया जा सकता है।
  3. Layered system – इस constraints के द्वारा system की scalability बेहतर होती है।
  4. Code on demand – यह एक वैकल्पिक constraint होता है। यह सुनिश्चित करता है कि server के द्वारा provide किये गये code या script को execute किया जा सकता है।

WebSocket Based Communication APIs

यह Communication API जो है वह Exclusive Pair Communication Model को follow करता है। इसलिए यह client और server के मध्य bi-directional और full duplex कम्युनिकेशन की permission देता है।

इसमें प्रत्येक message को send करने के लिए नए connection को setup करने की जरुरत नहीं पड़ती। इसमें only one time ही handshake mechanism के द्वारा connection को setup करने की आवश्यकता पड़ती है।

web socket based कम्युनिकेशन, throughput की आवश्यकताओं को बढ़ा देता है और कम्युनिकेशन में होने वाली देरी (latency) को कम करता है। इस API में network traffic भी घटता है।


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