Physical Design of IoT in Hindi
IoT के physical design के अंतर्गत दो चीजें आती है जो कि निम्नलिखित हैं:-
- Things
- IoT Protocols
Things
IoT में Things को IoT devices कहा जाता है तथा each डिवाइसेस की एक unique identity (अलग पहचान) होती है । इन डिवाइसेस का कार्य remote sensing, actuating, एवं monitor करना आदि होता है।
IoT devices बहुत प्रकार की होती हैं जैसे कि – sense करने वाली डिवाइस, smart watch (स्मार्ट घडी), smart electronic appliances (स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरण), wearable sensors (पहनने योग्य सेंसर), automobiles, और industrial machine (औद्योगिक मशीन)।
ये devices डाटा को generate करती हैं और उसके बाद इस data को data analytics system के द्वारा उपयोगी information में बदल दिया जाता है।
उदाहरण के लिए – temperature को मापने वाला उपकरण एक IoT device है। यह मौसम और जगह के आधार पर तापमान को मापता है।
IoT device निम्नलिखित कार्य कर सकती है:-
- यह दूसरी connect हुई devices के साथ data को transfer करता है।
- यह दूसरी डिवाइसेस से data को collect ( इकठ्ठा ) करता है और data को locally process करता है।
- ये data को process करने के लिए centralized servers या cloud पर based applications को भी भेज सकता है।
एक IoT device में दूसरे डिवाइस से connect करने के लिए बहुत सारें इंटरफेसेस होते हैं। इसमें wired और wireless दोनों types के interfaces होते हैं:-
- sensors के लिए I/O इंटरफेस।
- internet connectivity के लिए इंटरफेस।
- memory और storage इंटरफेस।
- audio/video इंटरफेस।
IoT Protocols
IoT protocols की help से ही internet में IoT devices और cloud based servers के मध्य communication हो पाता है।
IOT में निम्नलिखित Layers Protocols का प्रयोग किया जाता है
- Link Layer
- Network Layer
- Transport Layer
- Application Layer
Link Layer (लिंक लेयर)
यह layer यह deside करती है कि network में data को physically कैसे भेजा जाता है। यह लेयर यह भी deside करती है कि हार्डवेयर डिवाइस के द्वारा packets को कैसे code और signal दिया जाता है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित protocols का प्रयोग किया जाता है:-
- 802.3 – Ethernet
- 802.11 – WiFi
- 802.16 – WiMax
- 802.15.4 – LR-WPAN
- 2G/3G/4G
Network Layer (नेटवर्क लेयर)
यह लेयर source network से destination network तक IP datagrams को भेजने के लिए responsible रहती है। इस लेयर का कार्य host addressing और packet routing का होता है। हम IPv4 एवं IPv6 का उपयोग host को identify करने के लिए करते हैं।
इसमें प्रयोग किये जाने वाले protocols निम्नलिखित हैं:-
- IPv4
- IPv6
- 6LoWPAN
Transport Layer (ट्रांसपोर्ट लेयर)
इस लेयर का कार्य error control, segmentation, flow control और congestion control का होता है।
इस layer के अंदर निम्नलिखित protocols शामिल रहते हैं:-
- TCP
- UDP
Application Layer (एप्लीकेशन लेयर)
यह लेयर user को कम्युनिकेशन उपलब्ध कराती है; जैसे:- वेब ब्राउज़र, ई-मेल, तथा अन्य applications के द्वारा। इस layer में निम्नलिखित protocols प्रयोग किये जाते हैं।
- HTTPS
- CoAP
- WebSocket
- MQTT
- XMPPl
- DDS
- AMQP
1 Comments
Very nice article
ReplyDeleteThanks engineers creator for providing information in hindi